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आरडीएसओ में रिश्वतखोरी: 20 दिन तक की रेकी, व्हाट्सएप चैटिंग में मिले रिश्वतखोरी के प्रमाण

 

सीबीआई ने मंगलवार को आरडीएसओ में कार्य करने वाली फर्मों से लाखों रुपये रिश्वत लेकर उनके बिल पास करने के रैकेट का भंडाफोड किया था।




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अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) में रिश्वतखोरी के रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए 20 दिन तक सीबीआई ने रेकी की थी। इस दौरान रिश्वत के लेन-देन के पुख्ता प्रमाण मिलने पर आरडीएसओ के तीन कर्मियों और फर्मों के ठिकानों पर छापा मारा था। छापे के दौरान तीनों कर्मियों के मोबाइल की व्हाट्सएप चैट खंगालने पर रिश्वतखोरी के कई अहम सुबूत हाथ लगे हैं। अब सीबीआई के अधिकारी लेखा विभाग के बाकी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की इस रैकेट में शामिल होने का पता लगा रहे हैं।

बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को आरडीएसओ में कार्य करने वाली फर्मों से लाखों रुपये रिश्वत लेकर उनके बिल पास करने के रैकेट का भंडाफोड किया था। सीबीआई ने तीन मुकदमे दर्ज करने के बाद राजधानी में 5 और नोएडा में 2 ठिकानों पर छापा भी मारा था। सूत्रों के मुताबिक मेसर्स एडीजे इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर मनीष कुमार पांडेय और पुरी इलेक्ट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अशोक पुरी के ठिकानों से मिले दस्तावेजों की जांच के लिए सीबीआई के अधिकारी अभी नोएडा में ही मौजूद हैं।

सीबीआई के अधिकारी अब तीनों कर्मियों की चल-अचल संपत्तियों का भी पता लगा रहे हैं। इसके अलावा अब्दुल लतीफ के भाई अब्दुल करीम सिद्दीकी के बैंक खातों का पूरा ब्योरा भी जुटाया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इससे पहले उसके खाते में किन लोगों ने रिश्वत की रकम भेजी थी। वहीं अर्पित अस्थाना, अब्दुल लतीफ और नासिर हुसैन के बीच हुए लेन-देन के सुराग भी तलाशे जा रहे हैं।

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