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चार दिन पहले कैलसा के एएमएच हॉस्पिटल में बुखार पीड़ित मां-बेटी की मौत के मामले में डॉ. सनी औलख और डॉ. ज्योति औलख के खिलाफ गैरइरादतन हत्या और एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों पर गलत इलाज करके हत्या करने का आरोप है।
देहात थानाक्षेत्र मीरा सराय की मढैयां निवासी मजदूर सोमपाल सिंह की पत्नी निशा और बेटी छुटकी को पांच दिन पहले बुखार आया था। तबीयत बिगड़ने पर दोनों को कैलसा स्थित एएमएच हॉस्पिटल में भर्ती कराया। मंगलवार की शाम करीब सात बजे निशा की इलाज के दौरान मौत हो गई।
बुधवार की दोपहर करीब एक बजे परिजन छुटकी की तबीयत जानने के लिए अस्पताल पहुंचे तो खुद छुटकी ने अपना स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की बात कही। लिहाजा परिजनों ने अस्पताल संचालक, डॉक्टर और स्टाफ से छुटकी को रेफर करने के लिए कहा।
आरोप है कि अस्पताल संचालक व स्टाफ ने छुटकी को रेफर करने से इन्कार कर दिया। इतना ही नहीं स्टाफ ने लोगों से अभद्रता की। अस्पताल कर्मियों का रवैया देखकर परिजनों ने पुलिस को मौके पर बुला लिया। पुलिस के सामने भी अस्पताल संचालक ने दुर्व्यवहार किया।
करीब तीन घंटे तक अस्पताल में हंगामा चलता रहा। पुलिस के कहने पर अस्पताल स्टाफ ने छुटकी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजन छुटकी को लेकर जोया रोड स्थित एक निजी अस्पताल में पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया।
परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इसके बाद परिजन छुटकी के शव को लेकर पुलिस ऑफिस पहुंचे। यहां शिकायती पत्र देकर अस्पताल संचालक, डॉक्टर व अन्य स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
बृहस्पतिवार को फिर परिजन एकत्र होकर एसपी कार्यालय पहुंचे और यहां अस्पताल संचालक व स्टाफ के खिलाफ प्रदर्शन किया। सीओ अंजलि कटारिया ने बताया कि मामले में पीड़ित सोमपाल की तहरीर पर एएमएच हॉस्पिटल के डॉ. सनी औलख और डॉ. ज्योति औलख के खिलाफ गैरइरादतन हत्या, धमकी, गाली गलौज और एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।