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Makar Sankranti 2025: गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा पुरानी, त्रेतायुग से जुड़ा है इतिहास; पढ़ें

 

गुरू गोरक्षनाथ

Makar Sankranti 2025: गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर्व पर बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा युगों पुरानी है। भगवान सूर्य के प्रति आस्था से जुड़े इस पर्व पर खिचड़ी चढ़ाने का इतिहास त्रेतायुग से जुड़ा है। जिसका आज भी पूरी श्रद्धा के साथ निर्वाह किया जा रहा है।

मान्यता के अनुसार, त्रेता युग में गुरु गोरक्षनाथ भिक्षा मांगते हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के मशहूर ज्वाला देवी मंदिर गए। सिद्ध योगी को देख देवी साक्षात प्रकट हो गईं और गुरु को भोजन का आमंत्रण दिया। जब गुरु पहुंचे तो वहां मौजूद कई तरह के व्यंजन देख ग्रहण करने से इनकार कर दिया और भिक्षा में मिले चावल-दाल ही ग्रहण करने की बात कही।

देवी ने कहा कि आप के द्वारा लाए गए चावल-दाल से ही भोजन कराऊंगी।उधर, उन्होंने भोजन बनाने के लिए आग पर पात्र में पानी चढ़ा दिया। वहां से गुरु भिक्षा मांगते हुए गोरखपुर चले आए। यहां उन्होंने राप्ती व रोहिणी नदी के संगम पर एक स्थान का चयन कर अक्षय पात्र रख दिया।

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