सांकेतिक तस्वीर
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बरेली के चारों ओर प्रस्तावित रिंग रोड के लिए 32 गांवों की 185 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। परियोजना को वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद प्रक्रिया में तेजी आएगी और लंबे समय से मुआवजे का इंतजार कर रहे किसानों व भूस्वामियों की उम्मीद पूरी होगी।
इस रिंग रोड के निर्माण पर भू-अधिग्रहण घोटाले की आंच भी आई थी। सरनिया गांव में अधिक मुआवजा लेने की नीयत से परिसंपत्तियों का मूल्यांकन अधिक किए जाने का मामला सामने आया था, लेकिन अच्छी बात यह रही कि भुगतान नहीं हुआ था। इस मामले में एनएचएआई ने आर्बिट्रेशन दायर किया है, जिस पर फैसला आना है।
इस बीच परियोजना को वित्तीय स्वीकृति मिलना उन तमाम किसानों के लिए राहत भरी खबर है, जिनकी परिसंपत्तियों के मूल्यांकन पर कोई आर्बिट्रेशन दायर नहीं है। न ही भुगतान रोकने का कोई और कारण है। इन किसानों के खाते में जल्द ही मुआवजे की रकम पहुंच जाएगी।